आसन स्थिती मे शरीर का आकार पर्वत शिखर के समान दिखाई देने के कारण ही इसे पर्वतासन कहा जाता है। पर्वतासन (Parvatasana yoga) को वियोगासन भी कहा जाता है| क्यो की इस आसन मे योग क्रिया संयोग होती है| इस आसन का लाभ निरोगी व्यक्ती ही ले सकते है|
कैसे करे पर्वतासन (Parvatasana Steps)
प्रथम पद्मासन स्थिती मे बैठ कर
दोनो हात जोड कर धीरे धीरे सीर के उपर ले जाए और सीधे रखे|
अब धीरे धीरे सांस खींचते हुए छाती को फुलाए और दोनो हाथो को ऊपर की ओर खींचे और जितनी देर तक सांस को रोक सकते है रोक ले|
फिर धीरे धीरे सांस छोडते हुए हाथो को घुटनो तक लाएं|
इस स्थिति मे पीठ व हाथो को सीधा व तान कर रखे|
इस तरह इस क्रिया को १० बार करें|
यह आसन वीरसन स्थिती मे भी कर सकते है | परंतु पद्मासन स्थिती मे अधिक लाभदायी है |
पर्वतासन (Parvatasana yoga) के लाभ
दोनो हात उपर रखने के कारण प्राणवायु की गती उर्ध्व होती है |
आसन करते समय सुर्यभेद प्राणायाम या अनुलोम-विलोम प्राणायाम करे
फेफडे (फुफ्फुसे), पेट और रीड की हड़ी के विकार नष्ट होते है |
हातो के स्नायुयोकी अच्छी कसरत होती है |
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