सुर्यनमस्कार, भगवान सुर्यनारायण को अष्ट अंगो से किया जानेवाला नमस्कार | यह भारतीय व्यायम पद्दती अत्यंत प्रचीन है | प्रातःकाल मे पुर्व दिशा मे मुख करके अत्यंत शांत चित्त से भगवान सुर्यनारायण की स्तुती करके सुर्यनमस्कार करने की परंपरा है |
सुर्यनमस्कार की कुल १२ अवस्था है | इस कारण शरीर के प्रत्येक अवयव को व्यायाम मिलता है | सुर्यनमस्कार से ऑखे भी सतेज बनती है | १२ अवस्था मे प्रारंभ मे व अंत मे नमस्कार अवस्था है और बाकी दस आसन है | यह व्यायाम पद्दती अत्यंत आसान होने से इसे सब लोग कर सकते है | १२ अवस्था मिलके १ सुर्यनमस्कार होता है और २५ सुर्यनमस्कार का १ आवर्तन होता है |
सुर्यनमस्कार (Surya Namaskar) कहा और कैसे करे?
सुर्यनमस्कार खुली और साफ जगह पर करे | सुर्यनमस्कार के नियमो का पालन करे | सुर्यनमस्कार के शुरुआत मे प्रार्थना अवश्य करे | और हर अवस्था मे भगवान सुर्यनारायण क एक नाम स्पष्टरुप से अवश्य ले |
Surya Namaskar Mantra
प्रार्थना
ध्येयः सदा सवितृमण्डलमध्यवर्ती
नारायणः सरसिजासनसन्निविष्टः|
केयुरवान मकरकुण्डलवान किरीटी
हारी हिरण्मयवपुर्धृतशख्ङचञ्क ||
Surya Namaskar is an asana of the soul and it’s all bodies. The chakras of the energy body are activated by Surya Namaskar.